मंझे में फंसे किसी कबूतर की तरह हो गई है, बस फड़फड़ा के रह जाती है। मंझे में फंसे किसी कबूतर की तरह हो गई है, बस फड़फड़ा के रह जाती है।
साईं बाबा मेरे जीवन का हिस्सा कब बन गए , मुझे स्वयं भी पता नहीं चल पाया साईं बाबा मेरे जीवन का हिस्सा कब बन गए , मुझे स्वयं भी पता नहीं चल पाया
बन जाते उनकी महिमा को जान न पाया जग में कोई। वो है कालांतर देवों के देव महादेव हैं। बन जाते उनकी महिमा को जान न पाया जग में कोई। वो है कालांतर देवों के देव महादे...
सबसे बड़ा गहना और पौरुष होता है आत्म सम्मान । सबसे बड़ा गहना और पौरुष होता है आत्म सम्मान ।
माँ की आँखों में वो चमक और आनंद देखने का इंतज़ार है मुझे। आप आओगे ना पापा? ढ़ेर सारी पप्पी के साथ आप ... माँ की आँखों में वो चमक और आनंद देखने का इंतज़ार है मुझे। आप आओगे ना पापा? ढ़ेर स...
बाबा बाबा